*श्रुतम्-275*
*पंच सरोवर*
*पम्पा सरोवर*
मैसूर के पास स्थित पंपा सरोवर एक ऐतिहासिक स्थल है।
दरअसल, बंगलुरु के पास *विजयनगर साम्राज्य* की प्राचीन राजधानी के भग्नावशेषों *हम्पी और हॉस्पेट* से ग्यारह किलोमीटर दूर *तुंगभद्रा* के पास पंपा सरोवर है।
पंपा सरोवर की मान्यता भी कैलाश मानसरोवर के समकक्ष है। कहा जाता है *रामायण काल में वर्णित किष्किंधा* यहीं है। हंपी के निकट बसे हुए ग्राम अनेगुंदी को रामायणकालीन किष्किंधा माना जाता है।
तुंगभद्रा नदी को पार करने पर अनेगुंदी जाते समय मुख्य मार्ग से कुछ हटकर बाईं ओर पश्चिम दिशा में पंपा सरोवर स्थित है।
पंपा सरोवर के निकट पश्चिम में पर्वत के ऊपर कई जीर्ण-शीर्ण मंदिर दिखाई पड़ते हैं।
यहीं पर एक पर्वत है, जहां एक गुफा है जिससे *शबरी की गुफा* कहा जाता है। एक शोध के अनुसार माना जाता है कि वास्तव में रामायण में वर्णित विशाल पंपा सरोवर यही है, जो आजकल हास्पेट नामक कस्बे में स्थित है।
पंपा सरोवर के पास पश्चिम मे एक पर्वत पर कई जीर्ण मंदिर स्थित हैं। सरोवर पांच प्रसिद्ध पौराणिक झीलों में एक है।
कर्नाटक में बैल्लारी जिले के हास्पेट से हम्पी जाकर जब आप तुंगभद्रा नदी पार करते हैं तो *हनुमनहल्ली गांव* की ओर जाते हुए आप पाते हैं *शबरी की गुफा, पंपा सरोवर और वह स्थान जहां शबरी राम को बेर खिला रही है* ।
इसी के निकट *शबरी के गुरु मतंग ऋषि के नाम पर प्रसिद्ध ‘मतंगवन’ था।*