*श्रुतम्-263*
पवित्र नदियाँ – यमुना
सूर्यपुत्री यमुना भारत की पवित्र नदियों में से एक है। गंगा के स्मरण के साथ-साथ यमुना का भी स्मरण किया जाता है।
तभी तो स्नान करते समय इस का आह्वान करके पवित्र होने की कामना की जाती है-
*गंगे च यमुने चैव*
*गोदावरी सरस्वती*
*नर्मदे सिंधु कावेरी*
*जलेऽस्मिन सन्निधिं कुरु।*
यमुना का उद्गम *यमुनोत्री शिखर* से हैं। जहां देवी यमुना का मंदिर बना हुआ है। हिमालय के पर्वतीय क्षेत्र में 150 किलोमीटर की यात्रा करते हुए यह नदी अनेक छोटे-बड़े स्रोतों से जल ग्रहण कर बड़ी नदी बनकर मैदानी भाग में प्रवेश करती है।
गंगा के लगभग समानांतर बहते हुए यमुना प्रयाग में गंगा में मिल जाती है।
*मथुरा, वृंदावन, आगरा, इंद्रप्रस्थ(दिल्ली)* आदि प्राचीन नगर इसके किनारे बसे हैं। यमुना को यम की बहिन कहा जाता है। *यम द्वितीय(भैया दूज)* को यमुना में स्नान करना बड़ा पुण्य प्रदाता है।
कार्तिक मास यमुना स्नान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।