स्वाधीनता का अमृत महोत्सव
मध्यभारत के गुमनाम नायक (Unsung Heroes) ……
बालकृष्ण शर्मा
आपका जन्म सन् 1912 ई. में हुआ आपके पिता- भीखाराम था। बालकृष्ण शर्मा ने मैट्रिक की परीक्षा देते समय क्रांतिकारी भगतसिंह को फाँसी का समाचार सुनकर परीक्षा हाल का बहिष्कार कर दिया था ।
1932 में ग्वालियर गोवा षड्यंत्र कांड में आपने हवालात में भूख हड़ताल की। बाद में आपको बेलगांव जेल में रखा गया आपने वहाँ भी जेल नियमों का उल्लंघन किया इससे आपकी सजा में 6 माह की वृद्धि की गई । आपको बेलगाव से मुक्त तो किया गया परन्तु महाराष्ट्र (मुंबई) प्रवेश कर बंदिश लगा दी गई ।
आपकी आन्दोलनकारी गतिविधियों के कारण आपको ग्वालियर राज्य प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। आपने आगरा में पत्रकारिता आरम्भ कर संदेश में काम करने लगे।
आपकी गतिविधियों से तंग आकर पुलिस ने आपको गिरफ्तार कर सेन्ट्रल जेल में निरुद्ध कर दिया । आपने श्रमिक कल्याण की गतिविधियों में ध्यान केन्द्रित किया। तथा सघन क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण आप कम्पू ब्रिगेड ग्वालियर सेन्ट्रल जेल में लंबे समय तक बंद रहे ।
आपको दी गई बेतों की सजा भी कारावास में बदली गई। किसानों के संगठन करने का भी आपने प्रयास किया। आप महत्वपूर्ण श्रमिक नेता भी रहे ।