श्रुतम्-121
भारतीय विज्ञान की उज्जवल परंपरा
भाग-1
भारतीय विज्ञान की परंपरा
विश्व की प्राचीनतम वैज्ञानिक परंपराओं में एक है। भारत में विज्ञान का उद्भव ईसा से 3000 वर्ष पूर्व हुआ है। हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो की खुदाई से प्राप्त सिंधु घाटी के प्रमाणों से वहाँ के लोगों की वैज्ञानिक दृष्टि तथा वैज्ञानिक उपकरणों के प्रयोगों का पता चलता है। प्राचीन काल में चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में , खगोल विज्ञान व गणित के क्षेत्र में आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त और आर्यभट्ट द्वितीय और रसायन विज्ञान में नागार्जुन की खोजों का बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है। इनकी खोजों का प्रयोग आज भी किसी-न-किसी रूप में हो रहा है।
मध्यकाल यानी मुगलों के आने के बाद देश में लगातार लड़ाइयाँ चलती रहने के कारण भारतीय वैज्ञानिक परंपरा का विकास थोड़ा रुका अवश्य, किंतु प्राचीन भारतीय विज्ञान पर आधारित ग्रंथों के अरबी-फारसी में खूब अनुवाद हुए। यह एक महत्त्वपूर्ण चरण था, जिसका परिणाम हुआ कि भारतीय वैज्ञानिक परंपरा दूर देशों तक पहुँची जिसने सभी को प्रभावित किया। भारतीय वैज्ञानिक परंपरा के विकास का यह एक नया आयाम था। दूसरे देशों की वैज्ञानिक परंपराओं के साथ मिलकर इसने नया रूप ग्रहण किया।