*श्रुतम्-271*
*भारत की पवित्र नदियाँ*
*महानदी*
महानदी मध्य भारत के मध्य *छत्तीसगढ़ राज्य की पहाड़ियों में सिहावा के पास* से निकलती है।
इस नदी को ‘ *उड़ीसा का शोक’* भी कहा जाता है, जिसका कारण इसकी बाढ़ विभीषिका है। उड़ीसा प्राचीन समय से बाढ़ और सूखे से ग्रसित रहा है।
यह नदी ‘ *छत्तीसगढ़ राज्य की गंगा’* भी कही जाती है। इस नदी के द्वारा 58.48% क्षेत्र का जल संग्रहण किया जाता है।
महानदी नदी का ऊपरी प्रवाह उत्तर की ओर महत्त्वहीन धारा के रूप में होता है और छत्तीसगढ़ मैदान के पूर्वी हिस्से को अपवाहित करता है।
बालोदा बाज़ार के नीचे शिवनाथ नदी के इससे मिलने के बाद यह पूर्व दिशा में मुड़कर उड़ीसा राज्य में प्रवेश करती है और उत्तर व दक्षिण में स्थित पहाड़ियों को अपवाहित करने वाली धाराओं से मिलकर इसके बहाव में वृद्धि होती है।
संबलपुर में इस नदी पर निर्मित *हीराकुंड बाँध* के फलस्वरूप 55 किलोमीटर लम्बी कृत्रिम झील का निर्माण हो गया है।
इस बाँध में कई *पनबिजली संयंत्र* हैं। बाँध के बाद महानदी दक्षिण में घुमावदार रास्ते से होते हुए वनाच्छादित महाखड्ड के ज़रिये पूर्वी घाट को पार करती है।
पूर्व की ओर मुड़कर यह कटक के पास उड़ीसा के मैदान में प्रवेश करती है और कई धाराओं के माध्यम से फ़ाल्स पाइन्ट के पास *बंगाल की खाड़ी(गंगा सागर)* में मिल जाती है।