भारत गौरव गान भाग 8 || विश्वगुरु भारत || वीर हुतात्माएँ, शहीदगण, शहीदेधर्म और देश
26 – संगीतज्ञ
जहां हुए अर्जुन सम गायक, नृत्यकार यह करो प्रतीत।
विराट-कन्या उत्तरा को जिसने सिखलाया नृत्य व गीत।।
सरगम, ताल, तराना, तान, सुस्वर सब रागों में संगीत।।
मृदु बेला वीणा, सितार तबला, मृदंग थे साज सुरीत।।
औ मुरलीधर कृष्ण कन्हैया माधव थे बंशी से प्रीत।
कली में बैजू, तानसेन ने पाई गान कला में जीत।।
जहां हुए हैं सहगल और लता व रफी संगीत सुमीत।
और गया ओंकारनाथ का गान-कला में जीवन बीत।।
विष्णु दिगम्बर भीमसेन ने फूकी सुरों में जान।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।
27 – कलीकाल कविगण
कलयुग में भी कालिदास, तुलसी सम हुए महा कविवर।
सूरदास, भूषण, रसखान बिहारी, गंग, कविर सुर नर।।
अमीचन्द, केशव सम कविवर, भारतेन्दु कवि हृदय सुघर।
और विश्व कवि रविन्द्रनाथ गये करके निज नाम अमर।।
जहां हुई मीरा व सुभद्रा कवयित्री जिस धरती पर।
हुए भारती, बंकिम, मैथिलिशरण राष्ट्र कविवर प्रियवर।।
नरसिं वचन कवि पंत, निराला, नाथूराम, उदयशंकर।
जहां हुए ऊर्दू के कवी गालिब और इकबाल बसर।।
है प्रकाश कविरत्न, पथिक, सुखलाल, प्रदीप सुजान।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।
28 – हुतात्माएँ
जिस पर जयमल फत्ता, गोरा, बादल ने दे दी निज जान।
दुर्गादास, अमरसिंह, तेग बहादुर, किये निछावर प्राण।।
बाल हकीकत ने सिर कटवाया पर तजी न धार्मिक आन।
दीवारों में चुना दिये तन फतेह, जोरावर सन्तान।।
गरम लोह से बन्दा ने खिंचवा कर खाल हुये कुर्बान।
मतीराम ने आरी से तन फड़वाया रख धार्मिक मान।।
सम्भाजी ने खिंचवाकर निज जीभ दिया जिस पर बलिदान।
जिस पर निज आंखे फुड़वाई पृथ्वीराज चौहान महान।।
जौहर की ज्वाला में जल सतियों ने बचाई शान।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।
29 – शहीदगण
जिस पर हुए शरीद हजारों बूढे, बच्चे और जवान।
वीर भगतसिंह ने तो फांसी पर चढ़कर दी बली महान।।
खुदीराम प्रिय राजगुरु, सुखदेव चढ़े शूली पर आन।
और चन्द्रशेखर आजाद व बिस्मिल चढ़ा दिये निज प्राण।।
रास बिहारी, हरदयाल औ नन्दकुमार हुए कुर्बान।
ऊधमसिंह, राणाडे, तांत्या, नाना लाहिड़ी ने दी जान।।
लालाजी, बिन्दाबाबा, धन्धु व गणेश दिये बलिदान।
प्राण निछावर किये अनेकों करके कालापानी-पान।।
जलिंयावाला बाग शहीदी का है तीर्थ स्थान।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।
30 – शहीदेधर्म और देश
दयानन्द ने विष पीकर जिस भारत की आँखे खोली।
श्रद्धानन्द ने देश-धर्म हित सीने में खाई गोली।।
लेखराम ने छूरे खा, निज खंू से भर दी रिपु झोली।
राजपाल औ रामचन्द्र की चली शहीदों में डोली।।
विगत सतावन में लक्ष्मी ने निज खँू से खेली होली।
हुई निजाम औ गोआ में भी अमर शहीदों की टोली।।
इधर बयालिस की बलियों से अंग्रेजी दुनियां डोली।
और छियालिस में वंगी-माँ ने खंू से रंगी चोली।।
सैंतालिस में दिये सिन्ध, पंजाब बहुत बलिदान।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।