स्वाधीनता का अमृत महोत्सव
मध्यभारत के गुमनाम नायक (Unsung Heroes) ……
लायक सिंह
लायक सिंह का जन्म सन् 1918 में हुआ। मुरैना जिले की जोरा तहसील के गांव चचिहा निवासी लायक सिंह पहले ब्रिटिश सेना में सेनानी थे। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उनकी तैनाजी वर्मा मोर्चे पर थी।
आजाद हिन्द सेना के कर्नल रामरूप की प्रेरणा से वह अपनी यूनिट के 45 जवानों के साथ बगावत कर कि आजाद हिन्द सेना में शामिल हो गए। रंगून में उनकी भेंट एक बार नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से भी हुई थी।
लायक सिंह की यूनिट ने वर्मा मोर्चे पर ब्रिटिश सेना का बहादुरी के साथ मुकाबला किया किन्तु ब्रिटिश सेना की ताकत और साधनों के भारी पड़ने के कारण पराजय का सामना करना पड़ा। गिरफ्तारी के बाद लायक सिंह को युद्ध बन्दी के रूप में पहले 7 माह तक वर्मा की जेल में रखा गया और बाद में कोलकाता के युद्धबन्दी केम्प में भेज दिया गया।
स्वतंत्रता के बाद लायक सिंह जेल से तो रिहा कर दिए गए वह कई सालों तक पुलिस की निगरानी में रहे। वह म.प्र शासन से मान्यता प्राप्त स्वतंत्रता सेनानी थे।