स्वाधीनता का अमृत महोत्सव
मध्यभारत के गुमनाम नायक (Unsung Heroes) ……
हरिकिशनदास भूता
हरिकिशन दास जी भूता का जन्म सन् 1907 में हुआ । आपके पिता का नाम जाघव जी भूता पूर्वज गुजरात से आये थे। प्रायमरी शिक्षा स्कूल में पाने के पश्चात घर पर ही अध्ययन व्यवस्था रही। हिन्दी, अंग्रेजी व गुजराती का अच्छा ज्ञान। आप राष्ट्रवादी विचार-धारा से प्रभावित थे।
पिताजी का निधन जल्दी हो जाने से बड़े परिवार का पूरा भार आया। फिर भी राजनीति व सेवा कार्य में पूरी लगन रही। भिण्ड में राजनीतिक कार्य आरम्भ होने के पूर्व कलकत्ता अधिवेशन में दर्शक के रूप में गये थे। नगर भिण्ड में सन् 1935 में मेहतरों की पाठशाला प्रारम्भ कराने में सक्रिय सहयोग दिया।
1936 में ग्वालियर राज्य सार्वजनिक सभा का कार्य भिण्ड में आरम्भ हो जान पर प्रथम जिला कमेटी के सदस्य व नगर कमेटी के अध्यक्ष बने।
7 अप्रेल सन् 1942 को भिण्ड में भारत रक्षा अधिनियम में गिरफ्तार किये गये। अभियोग चलाया गया जो चार पांच माह तक चलता रहा।
इसी बीच सन् 1942 का राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता संग्राम जारी हो गया था। भिण्ड की प्रगति के लिये आप जीवन भर कार्य करते रहे।