स्वाधीनता का अमृत महोत्सव
मध्यभारत के गुमनाम नायक (Unsung Heroes) ……
हरिकृष्ण प्रेमी
हरिकृष्ण प्रेमी का जन्म 27-अक्टूबर 1907 को हुआ। आपके पिता बालमुकुंद विजयवर्गीय थे। आपकी शिक्षा इंटरमिडिएट तक सम्पन्न हुई। प्रेमी जी का परिवार राष्ट्र भक्त था तथा इनमें बचपन से ही राष्ट्रीयता के संस्कार थे। बन्धु-बान्धवों के प्रति स्नेहालु, मित्रों के प्रति अनुरक्त, स्वदेशानुराग, मनुष्य मात्र के प्रति सौहार्द यही उनके अन्तर मन का विकास है। सन् 1927 से स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहे।
सन् 1930 के नमक सत्याग्रह में भाग लेने के कारण ब्यावरा (राजस्थान) में गिरफ्तार एवं 6 माह कारावास व 200 रुपये जुर्माना लगा। सन् 1942 के ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ में गुप्त रूप से अंग्रेजी शासन के विरूद्ध साहित्य छापने के कारण गिरफ्तार हुए।
2 माह नजरबन्द तथा बाद में सन् 1942 से 1945 तक अपने ही मोहल्ले में नजरबन्द रखा गया। विख्यात साहित्यकार एवं कवि अनेक नाटकों के लेखक तथा कुशल संपादक वर्ष 1974 में स्वर्गवास।