*श्रुतम्-247*
*हिंदुत्व के संबंध में डॉ राधाकृष्णन के विचार*
डॉ राधाकृष्णन ने अपनी पुस्तक *द हिंदू व्यू ऑफ़ लाइफ* में हिंदुत्व के स्वभाव का विवरण दिया है-
“अगर हम हिंदुत्व के व्यवहारिक भाग को देखें तो हम पाते हैं कि यह जीवन पद्धति है न कि कोई विचारधारा।
हिंदुत्व जहां वैचारिक अभिव्यक्ति को स्वतंत्रता देता है वही वह व्यवहारिक नियम को सख्ती से अपनाने को कहता है।
नास्तिक अथवा आस्तिक सभी हिंदू हो सकते हैं, बशर्ते वे हिंदू संस्कृति और जीवन पद्धति को अपनाते हो।
हिंदुत्व धार्मिक एकरूपता पर जोर नहीं देता, वरन् आध्यात्मिक दृष्टिकोण अपनाता है। इस या उस दृष्टिकोण का अनुयायी कभी भी दुष्ट प्रवृत्ति का अनुगमन नहीं करेगा। वास्तव में व्यवहारिकता, सिद्धांत के पूर्व की स्थिति है। हमारा धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन चाहे जो हो पर इस बात पर सभी सहमत है कि हमें अपना भला चाहने वालों के प्रति आभारी और दुर्भाग्यहीनों के प्रति सहानुभूति प्रदर्शित करनी चाहिए।
हिंदुत्व सामाजिक जीवन पर जोर देता है और उन लोगों को साथी बनाता है जो नैतिक मूल्यों से बंधे होते हैं।
*हिंदुत्व कोई संप्रदाय नहीं है बल्कि उन लोगों का समुदाय है जो दृढ़ता से सत्य को पाने के लिए प्रयत्नशील है।”*