*श्रुतम्-260*
*हिंदू विचार की श्रेष्ठता-2*
*क्या आप जानते हैं?*
*8.शून्य की संकल्पना एवं दशमलव प्रणाली* भारत के हिंदू मनीषियों की खोज है।
*9.प्राचीन हिंदू-गणित के सहारे (जो वैदिक गणित इस नाम से जाना जाता है।)* कठिन से कठिन गणितीय प्रश्नों का एक या दो पंक्तियों में मौखिक उत्तर संभव है। विश्व हिंदू परिषद ऑस्ट्रेलिया में समय समय पर वैदिक गणित की नि:शुल्क कार्यशाला आयोजित करती है।
*10.संगणक (कंप्यूटर) में सभी तरह की गणना के लिए प्रयुक्त द्वयंक संख्या की संकल्पना हिंदू पुराणों में हजारों वर्ष पूर्व अस्तित्व में थी।*
द्वयंक प्रणाली में संख्या या तो 1 (अस्ति) अथवा 0 (नास्ति) होती है।
सभी संख्याएं 1 और 0 का मिश्रण है। *हमारे उपनिषद कहते हैं- “समूची सृष्टि एक अर्थात अस्ति और शून्य अर्थात नास्ति का मिश्रण है।”*
उपर्युक्त कथन और तथ्य तो मात्र एक झलक है पूर्ण सूची बनाने का प्रयत्न करें तो वह अंतहीन होगी। किंतु आज के भारत में यदि हम उस महान भारत की झलक भी नहीं देखते हैं तो उसका अर्थ है कि हमें अपने क्षमता का कोई अता-पता नहीं और यदि है, तो हम पुनः एक बार एक तेजस्वी एवं प्रेरणादायी देश के रूप में उभर सकते हैं जिसके द्वारा प्रकाशित मार्ग पर शेष विश्व अनुयायी बनेगा।
*आइए हम अपने आत्मविश्वास को जगाएं। जो हमारे पूर्वज कर सके उसे हम उनकी सुयोग्य संतानें क्यों नहीं कर सकती?*