श्रुतम्-66
हिन्दू धर्म में मंगल प्रतीकों का महत्त्व-4
दीपक और धूपदान :

सुंदर और कल्याणकारी, आरोग्य और संपदा को देने वाले दीपक समृद्धि के साथ ही अग्नि और ज्योति का प्रतीक है। पारंपरिक दीपक मिट्टी का ही होता है। इसमें पांच तत्व हैं मिट्टी, आकाश, जल, अग्नि और वायु। हिंदू अनुष्ठान में पंचतत्वों की उपस्थिति अनिवार्य होती है। धूपदान या धूप देने का वह पात्र, जिसमें गुग्गल की धूप दी जाती है। जिसमें कंडे रखकर गुड़ और घी की धूप भी दी जाती है। इसका घर में होना जरूरी है। यह भी मिट्टी का होना चाहिए।

पंचसूलक:-
यह खुली हथेली की छाप होती है, जो पांच तत्वों की प्रतीक है। हमारे आस-पास जो कुछ है वह, और हमारे शरीर भी इन पांच तत्वों से बने हैं। इससे सौभाग्य के लिए इस प्रतीक के प्रयोग का महत्व स्पष्ट होता है। जैन धर्म में भी इसे बहुत ही महत्त्व दिया गया है। हिंदू घरों में गृह प्रवेश, जन्म संस्कार और विवाह आदि के अवसरों पर हल्दी-सनी हथेली छापते हैं। मुख्य प्रवेश द्वार पर लगी पंचसूलक की छाप समृद्धि, सुख और शुभता लाती है।