*क्रान्तिकारियों के सिरमौर वीर सावरकर* *हे मातृभूमि, तेरे लिए मरना ही जीना है, और तुझे भूलकर…
Category: प्रेरक कहानियां
*मातृभूमि की वंदना यदि अपराध है तो वह अपराध एक बार नहीं असंख्य बार करूंगा*
*श्रुतम्-148* *मातृभूमि की वंदना यदि अपराध है तो वह अपराध एक बार नहीं असंख्य बार करूंगा*…
*राष्ट्रभाव से ओतप्रोत विद्यार्थी केशव का जीवन*
*श्रुतम्-147* *राष्ट्रभाव से ओतप्रोत विद्यार्थी केशव का जीवन* विद्यार्थी जीवन से ही केशव के मन पर…
जिन्होंने हमें गुलाम बनाया उनके समारोह का आनंद कैसा?
*श्रुतम्-146* *जिन्होंने हमें गुलाम बनाया उनके समारोह का आनंद कैसा?* वर्ष प्रतिपदा के शुभ दिन केशव…
सिंह सपूत
*श्रुतम्-144* *सिंह सपूत* “औरंगजेब , मेरे पास इससे भी शक्तिशाली शेर है।”… अपनी बात काटी जाती…
शहीद दिवस
*श्रुतम्-143* शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने हँसते-हँसते भारत की आजादी के लिए 23…
राणा अमरसिंह
*श्रुतम्-140* राणा अमरसिंह राजा कुंवर सिंह के दिवंगत हो जाने पर अंग्रेज अधिकारियों के मन में…
राणा ! ये रोटियां मां ने……..
*श्रुतम्-139* राणा ! ये रोटियां मां ने…….. दुद्धा एक भील बालक था।उसके पिता महाराणा प्रताप की…